निधि Rule 2014 मे अंतर्गत कही पर भी ये नहीं लिखा हुआ है की निधि कंपनी IFSC कोड लेकर काम नहीं कर सकती है , निधि कंपनी डायरेक्ट RBI से IFSC कोड न लेकर किसी और जरिए से IFSC को लेकर अपने अनलाइन ट्रांजैक्शन शुरू करवा सकती है जैसे – ATM , इंटरनेट बैंकिंग , RTGS, NEFT facility आराम से प्रोवाइड कर सकती है
IFSC Code क्या है?
IFSC Code का पूरा नाम है “Indian Finance System Code” (भारतीय वित्तीय प्रणाली सहिंता). जो की हर एक Bank Branch का Unique Code होता है. ये 11 अंको का Code होता है. इसके पहले 4 शब्द Bank के नाम को बताता है. पांचवाँ अंक 0 होता ये भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए रखा जाता है. भविष्य मतलब अगर नए Bank के ब्रांच खुलते हैं तो उनको नंबर देने के लिए ये (0) रखा गया है और आखरी 6 अंक ब्रांच कोड बताता है, मतलब ब्रांच का लोकैशन कहा पर है.
क्यों IFSC कोड निधि कंपनी को नहीं मिलता है ?
आरबीआई केवल बैंक को ही IFSC कोड provide करती है और किसी को भी प्रवाइड नहीं करती है ।
कैसे ले सकती है निधि कंपनी IFSC कोड?
कोई भी निधि कंपनी 2 तरीकों से IFSC को लेकर अपने अनलाइन ट्रांजैक्शन शुरू करवा सकती है
- या तो निधि कंपनी डायरेक्ट बैंक से बात करके उनसे IFSC कोड को लेकर अनलाइन ट्रांजैक्शन शुरू करवा सकती है
- या तो निधि कंपनी किसी भी Third पार्टी से कनेक्ट करके अपना IFSC कोड लेकर अनलाइन ट्रांजैक्शन शुरू करवा सकती है
- जैसे: Razor Pay , Cash Free
अगर आप डायरेक्ट बैंक से IFSC कोड लेना चाहते है तो आपको कुछ डीटेल देना होता है जो की नीचे दिया गया है
- किसी भी निधि कंपनी को निधि Rules 2014 को अच्छे से फॉलो होने चाहिए |
- मेम्बर के Criteria को भी निधि Rules 2014 मे है उसे फॉलो होना चाहिए |
- Compliances जैसे NDH-1, NDH-2, NDH-3 और NDH-4 सब form भरे होने चाहिए और उसे बैंक को दिखाना होगा ।
- निधि Rules 2014 फॉलो करते हुए निधि कंपनी प्रॉफ़िट मे भी होने चाहिए |
अगर आप किसी Third Party से IFSC कोड लेते है जैसे Razor Pay and Cash-Free तो आपको सबसे पहले अपनी वेबसाईट अपडेट करवानी होगी । उनके कुछ रुल्स होते है वो वेबसाईट पर Show करवाने होंगे ।
Third Party से आपको तुरंत मे IFSC कोड और अनलाइन ट्रैन्सैक्शन की सुविधा को मिल जाएगी लेकिन निधि Rules आपको फॉलो करने ही होंगे ।
क्या अंतर है बैंक से IFSC कोड लेने मे और Third Party से IFSC कोड लेने मे?
- बैंक आपके निधि के बैकग्राउंड को देखकर ही आपको IFSC कोड प्रोवाइड करती है या फिर उस बैंक मे आपके Reference बढ़िया होगा तभी बैंक आपको ये facility देगा । जबकि Third पार्टी आपके वेबसाईट पर अपडेट देख कर और आपके निधि कंपनी के डॉक्युमेंट को देखकर आपको IFSC कोड प्रोवाइड कर सकता है ।
- अगर कोई निधि कंपनी न्यू है तो उसे बैंक जल्दी IFSC कोड प्रोवाइड नहीं करती है जबकि third पार्टी आपके वेबसाईट एण्ड डॉक्युमेंट्स को देखकर ही IFSC कोड प्रोवाइड कर देता है ।
- बैंक से अगर आपको IFSC Code मिल जा रहा है तो आपके जो ट्रांजैक्शन है वो डायरेक्ट आपके अकाउंट मे पोस्ट होते है जबकि third पार्टी के ट्रांजैक्शन 1 या 3 दिन बाद ही आपके अकाउंट मे deposit होते है
- बैंक से IFSC कोड लेने मे फर्स्ट टाइम मे आपको ज्यादा चार्ज लगता है जबकि थर्ड पार्टी से लेने मे काम charges लगते है but Yearly charges होते है । या फिर कुछ third पार्टी per ट्रांजैक्शन charge भी लेते है